किं भवन्तः जानन्ति (Do You Know in Sanskrit)

किं भवन्तः जानन्ति (Do You Know in Sanskrit)
    -------------  पक्षः
१) किं भवन्तः जानन्ति यत्-
एकस्मिन वर्षे द्वादश मासाः , प्रत्येक च मासे पक्ष द्वयं भवति,  शुक्लः पक्षः, कृष्णः पक्ष: च।
यस्मिन् पक्षे पूर्णिमा भवति तत् शुक्लः पक्षः भवति, यस्मिन् च अमावस्या भवति तत् कृष्ण पक्ष भवति।

अर्थात्-
 क्या आप जानते हैं एक वर्ष में बारह महीने होते हैं तथा प्रत्येक महीने में दो पक्ष होते हैं,
 शुक्ल पक्ष तथा कृष्ण पक्ष।
 जिस पक्ष में पूर्णिमा होती है वह शुक्ल पक्ष कहलाता है, तथा जिस पक्ष में अमावस्या होती है वह कृष्ण पक्ष कहलाता है।
धन्यवाद:।

-------- हनुमान जयंती (अप्रैल मासे)
२) किं भवन्तः जानन्ति यत्-
हनुमान जयंती प्रत्येक-वर्षे चैत्र मासस्य  शुक्ल पक्षस्य पूर्णिमा तिथौ भवति यत् ह्य दिने आसीत्।

क्या आप जानते हैं  हनुमान जयंती प्रत्येक वर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को आती है।
जो इस वर्ष 19अप्रैल अर्थात पिछले कल मनाई गयी थी।
------------- रूपयकानि
३) किं भवन्तः जानन्ति यत्-
वर्तमान भारतीय रुपया इत्यस्य पुनः प्रचलनस्य श्रेयः पंचदश शताधिकं चत्वारिंशत्  तमे वर्षे शेर शाह सूरी महोदयेन प्राप्तम्।

एक आधिकारिक मुद्रा के रूप में रुपया 1540 में  शासक शेर शन सूरी द्वारा फिर से प्रस्तुत किया गया था।


Rupee as an official curency was reintroduced by the famous ruler sher shan suri on 1540.
------------संस्कृत-दिवस:  (अगस्त मासे)
४) किं भवन्तः जानन्ति यत्-
संस्कृत-दिवस: प्रत्येक वर्ष रक्षाबंधन-पर्वस्य सह एव मन्यन्ते। तस्मिन् सप्ताहे एव संस्कृत- सप्ताह अपि मन्यन्ते।

अर्थात्-
क्या आप जानते है की संस्कृत दिवस प्रत्येक वर्ष रक्षाबंधन पर्व के दिन ही मनाया जाता है। तथा उसी सप्ताह को संस्कृत सप्ताह के रूप में मनाया जाता है।
धन्यवाद:।
-------- महाभारतम्
५) किं भवन्तः जानन्ति यत्-
वेदव्यास द्वारा रचिते महाभारत -ग्रंथे एक लक्ष श्लोका: सन्ति।

अर्थात्- क्या आप जानते है महाभारत ग्रंथ की रचना वेदव्यास जी ने की थी तथा उसमें एक लाख श्लोक हैं
धन्यवाद:।
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६) किं भवन्तः जानन्ति यत्-
आदिकवि: वाल्मीकि: द्वारा रचिते रामायण -ग्रंथे चतुर्विंशतिः सहस्रः श्लोका: सन्ति।

अर्थात्- क्या आप जानते है महाभारत ग्रंथ की रचना आदिकवि वाल्मीकि जी ने की थी तथा उसमें चौबीस हज़ार श्लोक हैं।
धन्यवाद:।


-------------- नालंदा विश्वविद्यालयः
७) नालंदा विश्वविद्यालयः  विश्वस्य  प्राचीनतमः विश्वविद्यालयः अस्ति।

नालंदा विश्वविद्यालय  विश्व का सबसे प्राचीन विश्वविद्यालय है।

-------------- रक्षाबन्धन-पर्वः
८) किं भवन्तः जानन्ति यत्-
रक्षा बन्धन पर्व:, प्रत्येक वर्ष, श्रावण मसस्य,  शुक्ल पक्षस्य, पूर्णिमा तिथौ भवति।

अर्थात्-
 क्या आप जानते हैं, कि रक्षाबंधन का त्यौहार, प्रत्येक वर्ष, श्रावण मास के, शुक्ल पक्ष की, पूर्णिमा तिथि को, होता है
 धन्यवाद
 ----- ऋग्वेद:
९) किं भवन्तः जानन्ति यत्
ऋग्वेदं विश्वस्य सर्वप्राचीनं ग्रंथं अस्ति यत संस्कृते लिखितम्।
अर्थात-
क्या आप जानते हैं विश्व का सबसे प्राचीन ग्रंथ ऋग्वेद है। जो संस्कृत भाषा में लिखा गया है।
-------- सत्यमेव जयते
१०) किं भवन्तः जानन्ति यत्
भारतीय सर्वकारस्य ध्येय वाक्यम् "सत्यमेव जयते" "मुंडक उपनिषद्" नामक ग्रंथात् अस्ति यत संस्कृते लिखितम्।

क्या आप जानते हैं भारत सरकार का ध्येय वाक्य सत्यमेव जयते है संस्कृत के ग्रंथ मुंडक उपनिषद से लिया गया है,  जिसका अर्थ है - सत्य की ही हमेशा जीत होती है।
धन्यवाद: ।
26jan 1950
----- कुंभ-उत्सव:
११)  कुंभ उत्सव: विश्वस्य दीर्घतम:  लोक् उत्सव: अस्ति
 यत्र  एकस्मिन्  समये सर्वाधिकाः जनाः भवन्ति।

 क्या आप जानते हैं की कुंभ मेला विश्व का सबसे बड़ा लोक उत्सव है जहां एक समय में सबसे अधिक जन समुदाय इकट्ठा होता है।
 ------- राष्ट्रीय-ध्वज:
१२) किं भवन्तः जानन्ति यत्
यत् अस्माकं देशस्य राष्ट्रीय ध्वजस्य मध्ये  स्थित नील वर्णीय चक्र: सरनाथे स्थित अशोक स्तम्भात् गृहीत: अस्ति।

       क्या आप जानते हैं कि हमारे देश के राष्ट्रीय ध्वज के मध्य में अंकित चक्र,  सारनाथ में स्थित अशोक स्तंभ से लिया गया है
इस चक्र में चौबीस तीलिया होती है , तथा यह सफेद रंग के आधार पर नीले रंग से अंकित होता है।
---------- ग्रहणम्
१३) किं भवन्तः जानन्ति यत्
चंद्र-ग्रहणम् सर्वदा पूर्णिमा-तिथौ सूर्य-ग्रहणम् च अमावस्या- तिथौ भवति।

 क्या आप जानते हैं कि
  चंद्रग्रहण सदा पूर्णिमा तिथि को तथा सूर्य ग्रहण अमावस्या को ही होता है।
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