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Showing posts from April, 2020
8.2 कक्षा - अष्टमी, विषय: - संस्कृतम् द्वितीय: पाठ: (बिलस्य वाणी न कदापि मे श्रुता) Class 8th, Subject - Sanskrit Lesson-2 (Bilasya Vaani N Kadapi Me Shruta)
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8.2 कक्षा - अष्टमी, विषय: - संस्कृतम् द्वितीय: पाठ: (बिलस्य वाणी न कदापि मे श्रुता) Class 8th, Subject - Sanskrit Lesson-2 (Bilasya Vaani N Kadapi Me Shruta) ************************************ नमोनमः। अष्टमीकक्ष्यायाः रुचिरा भाग- 3 इति पाठ्यपुस्तकस्य शिक्षणे स्वागतम् । अद्य वयं द्वितीयं पाठं पठामः। पाठस्य नाम अस्ति - बिलस्य वाणी न कदापि मे श्रुता ************************************ प्रस्तुत पाठ संस्कृत के प्रसिद्ध कथाग्रंथ "पंचतंत्र" के तृतीय तंत्र 'काकोलूकीयम्' से संग्रहित है। पंचतंत्र के मूल लेखक विष्णु शर्मा है। इसमें 5 खंडो (तंत्रों) में कुल 70 कथाएं तथा 900 श्लोक है। इनमें गद्य-पद्य के रूप में नीतिपरक कथाएं दी गई है। इन कथाओं के पात्र मुख्यतः पशु-पक्षी हैं। पंच तंत्र - 1) मित्रभेद 2) मित्रसंप्राप्ति 3) काकोलूकीय (काक और उल्लूक) 4) लब्धप्रणाश 5) अपरीक्षित-कारक --------------------------------------------------------- बिलस्य वाणी न क
7.2 कक्षा - सप्तमी, विषय: - संस्कृतम् द्वितीय: पाठ: (दुर्बुद्धि: विनश्यति ) Class 7th, Subject - Sanskrit Lesson-2 (DurbudhiH Vinashyati)
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7.2 कक्षा - सप्तमी, विषय: - संस्कृतम् द्वितीय: पाठ: (दुर्बुद्धि: विनश्यति ) Class 7th, Subject - Sanskrit Lesson-2 (DurbudhiH Vinashyati) ************************************ नमोनमः। सप्तमीकक्ष्यायाः रुचिरा भाग- 2 इति पाठ्यपुस्तकस्य शिक्षणे स्वागतम् । अद्य वयं द्वितीयं पाठं पठामः। पाठस्य नाम अस्ति - दुर्बुद्धि: विनश्यति ************************************ दुर्बुद्धि: विनश्यति दुर्बुद्धि: = दुर्+बुद्धिः। दुर्बुद्धि शब्द बुद्धिः से पूर्व दुर् उपसर्ग के जुड़ने से बना है। दुर् का अर्थ होता है- बुरा (bad), तथा कठिन (difficult)। इस संदर्भ में दुर्बुद्धि का अर्थ हुआ बुरी / मूर्ख बुद्धि। विनश्यति - का अर्थ है नष्ट होना अथवा मरना। इस प्रकार "दुर्बुद्धि: विनश्यति" का अर्थ है मूर्ख नष्ट हो जाता है अथवा मारा जाता है। इस पाठ में हम हंस और कछुए की कहानी के माध्यम से मूर्ख व्यक्ति को होने वाली हानि के विषय में पढ़ेंगे। यह पाठ शिक्षा देता है की हमें सदा अपने अच्छे मित्रों की बात माननी चाहिए और असमय नहीं बोलना चाहिए। प्रस्तुत पा
6.2 कक्षा *षष्ठी* द्वितीय: पाठ: (शब्दपरिचयः - 2) Class 6th, Lesson-2 ( ShabdParichaya - 2)
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6.2 कक्षा * षष्ठी * द्वितीय: पाठ: (शब्दपरिचयः - 2 ) Class 6th, Lesson-2 (ShabdParichaya - 2) ************************************ नमोनमः। षष्ठीकक्ष्यायाः रुचिरा भाग- 1 इति पाठ्यपुस्तकस्य शिक्षणे स्वागतम् । अद्य वयं द्वितीयं पाठं पठामः। पाठस्य नाम अस्ति शब्दपरिचयः - 2 पाठः अयं आकारान्त स्त्रीलिङ्गशब्दानां विषये अस्ति । संस्कृते त्रिविधाः शब्दाः सन्ति। 1) पुंलिङ्गशब्दाः । 2) स्त्रीलिङ्गशब्दाः 3) नपुंसकलिङ्गशब्दाः। इदानीं स्त्रीलिङ्गशब्दान् पश्याम:- 1) छात्रा 3) अध्यापिका 4) दोला 5) घटिका 6) पेटिका 7) प्रयोगशाला 8) लेखिका 9) गायिका 10) नौका ************************************ आकारान्त- आकार ( आ ) है अंत में जिसके । आकारान्त स्त्रीलिङ्ग वे शब्द होतें हैं जिन स्त्रीलिङ्ग शब्दों के अंत में "आ" वर्ण होता है। यथा- चटका - च् +अ+ ट् +अ+ क्+ आ। इस प्रकार इस शब्द के अंत में "आ" वर्ण है अतः यह शब्द "आकारान्त" कहलाता है। अन्य उदाहरण- सुचिका - सुई, पिपीलिका
केंद्रीय विद्यालय संगठन से संबंधित मंत्र MANTRAS Related to Kendriya Vidyalaya Sangathan
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केंद्रीय विद्यालय संगठन से संबंधित मंत्र MANTRAS / SHALOK Related to Kendriya Vidyalaya Sangathan (1) ॐ असतो मा सद्गमय । तमसो मा ज्योतिर्गमय । मृत्योर्मामृतं गमय ।। सरलीकृत्वा- ॐ असतो मा सद्-गमय । तमसो मा ज्योतिर्-गमय । मृत्योर्मा-अमृतं गमय ।। सरलार्थ- हे प्रभु! हमें असत्य से सत्य की ओर ले जाएं। अज्ञान रूपी अंधकार से, ज्ञान रूपी प्रकाश की ओर ले जाएं। मृत्यु के भय से, अमरत्व के ज्ञान की ओर ले जाएं। लिप्यंतरण (Transliteration) : Om Asato Maa Sad-Gamaya | Tamaso Maa Jyotir-Gamaya | Mrtyor-Maa Amrtam Gamaya | Meaning: 1: Om, Lead us from Unreality (of Transitory Existence) to the Reality (of the Eternal Self), 2: Lead us from the Darkness (of Ignorance) to the Light (of Spiritual Knowledge), 3: Lead us from the Fear of Death to the Knowledge of Immortality. -------------------------------------------- (2) ॐ सह नाववतु । सह नौ भुनक्तु ।
6.1 कक्षा *षष्ठी* प्रथम: पाठ: (शब्दपरिचयः - 1 ) Class 6th, Lesson-1 ( ShabdParichaya - 1 )
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6.1 कक्षा *षष्टी* प्रथम: पाठ: ( शब्दपरिचयः - 1 ) Class 6th, Lesson-1 ( ShabdParichaya - 1) ************************************ नमोनमः। षष्ठीकक्ष्यायाः रुचिरा भाग- 1 इति पाठ्यपुस्तकस्य शिक्षणे स्वागतम् । अद्य वयं प्रथमं पाठं पठामः। पाठस्य नाम अस्ति शब्दपरिचयः - 1 पाठः अयं अकारान्त पुंलिङ्गशब्दानां विषये अस्ति। संस्कृते त्रिविधाः शब्दाः सन्ति। 1) पुंलिङ्गशब्दाः । 2) स्त्रीलिङ्गशब्दाः 3) नपुंसकलिङ्गशब्दाः। इदानीं पुंलिङ्गशब्दान् पश्याम:- 1) विद्यालय:। 2) छात्रः। 3) अध्यापकः। 4) देवालय:। 5) चषक:। ************************************ अकारान्त- अकार ( अ ) है अंत में जिसके । अकारान्त पुलिंग वे शब्द होतें हैं जिन पुलिंग शब्दों के अंत में "अ" वर्ण होता है। यथा- चषक- च् +अ+ ष् +अ+ क्+ अ । इस प्रकार इस शब्द के अंत में अ वर्ण है अतः यह शब्द अकारान्त कहलाता है। अन्य उदाहरण- सौचिक:, शुनक:, बलिवर्द:, स्यूत:, वृद्ध: आदि। ************************************ 1) एषः कः?
हनुमान जयंती (Hanumaan jayanti)
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हनुमान जयंती (Hanumaan jayanti ) हनुमान जयंती भारतीय पंचांग (हिन्दू कैलेंडर) के अनुसार, प्रत्येक वर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। चैत्र पूर्णिमा के दिन राम भक्त हनुमान जी का जन्म हुआ था। पवनपुत्र के नाम से प्रसिद्ध हनुमान जी की माता अंजनी और पिता वानरराज केसरी थे। हनुमान जी को बजरंगबली, केसरीनंदन और आंजनाय के नाम से भी पुकारा जाता है। वास्तव में हनुमान जी भगवान शिव के 11वें रूद्र अवतार हैं, जिन्होंने त्रेतायुग में प्रभु श्रीराम की भक्ति और सेवा के लिए जन्म लिया। संकटों का नाश करने वाले हनुमान जी को संकटमोचन भी कहते हैं। हनुमान जयंती पर जानते हैं उनके जन्म से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें। संकटमोचन हनुमान जी का जन्म स्थान 1. हरियाणा के कैथल में जन्मे थे हनुमान जी ऐसी मान्यता है कि हुनमान जी के पिता वानरराज केसरी कपि क्षेत्र के राजा थे। हरियाणा का कैथल पहले कपिस्थल हुआ करता था। कुछ लोग इसे ही हनुमान जी की जन्म स्थली मानते हैं। 2. मतंग ऋषि के आश्रम में जन्मे हुनमान एक यह भी मान्यता है कि कर्नाटक के हंपी मे
महत्त्वपूर्ण-विषया:
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1) मंगलाचरणम् (संस्कृत) https://kvssanskrit.blogspot.com/2018/04/blog-post_7.html 2) संस्कृत भाषा का महत्त्व (हिंदी) https://kvssanskrit.blogspot.com/2018/04/blog-post_25.html 3) संस्कृत-भाषायाः महत्त्वम् ( संस्कृतम्) https://kvssanskrit.blogspot.com/2018/04/importance-of-sanskrit.html 4) दैनिक-व्यवहार-वाक्य-संग्रह: (संस्कृत-English,) https://kvssanskrit.blogspot.com/2018/04/hello-good-morning-good-afternoongood.html 5) संस्कृत-वाक्यानि (Sanskrit sentences) - https://kvssanskrit.blogspot.com/2018/04/sanskrit-sentences-office-how-many-days.html 6) स्वपरिचय: (संस्कृत) https://kvssanskrit.blogspot.com/2018/04/self-introduction.html 7) संस्कृत-वाक्य-रचना (लकार-परिचय:) https://kvssanskrit.blogspot.com/2019/08/blog-post.html 8) संस्कृत-वाक्य-रचना https://kvssanskrit.blogspot.com/2018/07/blog-post.html 9) शरीरस्य अङ्गानां नामानि (Name of Body Parts in Sanskrit)- https://kvssanskrit.blo
8.1 कक्षा अष्टमी, प्रथम: पाठ: (सुभाषितानि ) Class 8th, Lesson-1 (Subhashitaani )
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8.1 कक्षा अष्टमी, प्रथम: पाठ: (सुभाषितानि ) Class 8th, Lesson-1 (Subhashitaani ) ************************************ नमोनमः। अष्टमीकक्ष्यायाः रुचिरा भाग- 3 इति पाठ्यपुस्तकस्य शिक्षणे स्वागतम् । अद्य वयं प्रथमं पाठं पठामः। पाठस्य नाम अस्ति सुभाषितानि। सुभाषितानि = सु + भाषितानि भाषितम् (नपुंसकलिङ्गम्) भाषितम् भाषिते भाषितानि सु - सुन्दरम्/ उत्तमम् / शोभनम् भाषितम् - वचनम् / विचारः अतः - सुन्दरम् वचनम् (Good Saying ) सु- सुन्दर/ मधुर/ अच्छी भाषितानि- वचन/ बातें 'सुभाषित' शब्द 'सु+भाषित' इन दो शब्दों के मेल से बना है। सु का अर्थ सुंदर/ मधुर और भाषित का अर्थ वचन है। इस तरह सुभाषित का अर्थ सुन्दर/ मधुर वचन है। ************************************ गुणा गुणज्ञेषु गुणा भवन्ति ते निर्गुणं प्राप्य भवन्ति दोषाः। सुस्वादुतोयाः प्रभवन्ति नद्यः समुद्रमासाद्य भवन्त्यपेयाः ।। 1।। सरलीकृत्वा (पदविभाग:)- ग
रामनवमी ( Raam Navmi)
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रामनवमी ( Raam Navmi) भारतीय पंचांग (हिन्दू कैलेंडर) के चैत्र मास (प्रथम माह) (March-April) के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को प्रत्येक वर्ष राम नवमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम का जन्म हुआ था। चैत्रे नवम्यां प्राक् पक्षे दिवा पुण्ये पुनर्वसौ । उदये गुरुगौरांश्चोः स्वोच्चस्थे ग्रहपञ्चके ॥ मेषं पूषणि सम्प्राप्ते लग्ने कर्कटकाह्वये । आविरसीत्सकलया कौसल्यायां परः पुमान् ॥ (निर्णयसिन्धु) इस श्लोक के अनुसार श्रीराम चन्द्र जी का जन्म चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि के दिन पुनर्वसु नक्षत्र तथा कर्क लग्न में रानी कौशल्या की कोख से, राजा दशरथ के घर में हुआ था। भगवान श्री राम के जन्म की कथा काफी रोचक है और उनके जन्म के उद्देश्य के पीछे बहुत बड़ी एक पौराणिक घटना थी। वह घटना लंका के राजा रावण के वध की है। भगवान श्रीहरि विष्णु ने लंकापति रावण के सर्वनाश के लिए त्रेतायुग में प्रभु राम के रूप में सातवां अवतार लेकर पृथ्वी पर आए। श्री र
7.1 कक्षा सप्तमी, प्रथम: पाठ: (सुभाषितानि ) Class 7th, Lesson-1 (Subhashitaani )
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कक्षा सप्तमी, प्रथम: पाठ: ( सुभाषितानि ) Class 7th, Lesson-1 (Subhashitaani) ************************************ नमोनमः। सप्तमकक्षायाः रुचिरा भाग- 2 इति पाठ्यपुस्तकस्य शिक्षणे स्वागतम् । अद्य वयं प्रथमं पाठं पठामः। पाठस्य नाम अस्ति सुभाषितानि । सुभाषितानि = सु + भाषितानि भाषितम् (नपुंसकलिङ्गम्) भाषितम् भाषिते भाषितानि सु - सुन्दरम्/ उत्तमम् / शोभनम् भाषितम् - वचनम् / विचारः अतः - सुन्दरम् वचनम् (Good Saying ) सु- सुन्दर/ मधुर/ अच्छी भाषितानि- वचन/ बातें 'सुभाषित' शब्द 'सु+भाषित' इन दो शब्दों के मेल से बना है। सु का अर्थ सुंदर/ मधुर और भाषित का अर्थ वचन है। इस तरह सुभाषित का अर्थ सुन्दर/ मधुर वचन है। ************************************ पृथिव्यां त्रीणि रत्नानि जलमन्नं सुभाषितम् । मूढैः पाषाणखण्डेषु रत्नसंज्ञा विधीयते।। 1।। सरलीकृत्वा (पदविभाग:)- पृथिव्यां त्रीणि रत्नानि जलम् अन्नं सुभाषितम् । मूढैः पाषाण-खण्डेषु रत्न-संज्ञा विधीयते।